AI क्या है
आज हम बात करने वाले है Artificial Intelligence के बारे में। China के अंदर एक ऐसी university है जिसमे cameras लगे हुए है जो बता देते है की पीछे बैठा हुआ है। कोई student attentively class में ध्यान दे रहा है या फिर पीछे बैठ कर अपने फ़ोन में खेल रहा है। इतना ही नहीं
Google’s Google Search, Apple’s Siri, Amazon’s Alex and Netflix’s movie recommendations,ये सारी की सारी technologies Artificial Intelligence यानी AI पर बेस्ड है। AI की शुरुआत 1940 – 1950 में हुई थी। और इसका basic मतलब है की computers को एक artificial दिमाग दे देना।
Artificial Intelligence
AI क्या है अब जैसे एक छोटे से बच्चे को हम धीरे धीरे चीजें सिखाते हैं, कभी उसके साथ खेल कर उसे कुछ सिखाया जाता है, कभी उसके साथ बाते करके उसे नई जगह पे ले जाकर कुछ सिखाया जाता है। वैसे ही computers को भी हम data दे दे कर उन्हें नई चीजें सिखाते हैं। अब AI और normal technology में थोड़ा सा difference है। normal technology की बात करें तो normal technology में हमारे पास Microsoft Word, Power Point जैसे software आ जाते हैं, जिनको हम यूज़ करते हैं।
अब Microsoft Word के ऊपर हम चाहे जीतने भी documents लिख ले, कितनी भी reports लिख ले, कितने भी assignments बना ले, Microsoft Word, वैसा ही रहेगा। उसके अंदर कोई नए features, कोई नई शक्तियां नहीं आ जाएंगी और वही अगर AI की बात करें तो roads पर जो traffic के cameras होते है वो जितनी गाड़ियों का डेटा लेते रहते हैं, वो उतने ही better होते जाते तो AI के पास जितना डेटा आता रहेगा, वो उतनी ही बेटर हो जाएगी। अब इस पर ये सवाल आता है कि आज की date में तो हर कोई technology यूज़ कर रहा है।
AI ki Duniya
हर कोई Instagram चला रहा है, WhatsApp चला रहा है, Facebook चला रहा है, YouTube चला रहा है तो AI के पास इतना डेटा आ जाना चाहिए कि वो humans से भी ज्यादा intelligent हो जाए तो यहा पर हम रुक कर थोड़ा सा बात करेंगी। AI के दो type के बारे में AI का पहला type होता है General AI और दूसरा टाइप होता है Narrow AI, General AI यानी वो artificial intelligence जो बहुत सारे काम कर सकती है,
General AI:
जैसे human intelligence का अगर example ले तो humans खाना पका भी सकते हैं, उसको खा भी सकते हैं, वो sing भी कर सकते हैं, dance भी कर सकते हैं, code भी कर सकते हैं, पढ़ाई भी कर सकते हैं, क्लीनिंग कर सकते हैं, बहुत सारे काम कर सकते हैं।
Narrow AI
और वही अगर Narrow AI की बात करे तो वो एक ही particular काम कर सकती है। जैसे अगर Tesla की गाड़ियो की बात करे तो यु US के roads पर अगर वो train है तो उनके अंदर US का data फीड हुआ है तो Indian के Indian पर उनकी performance इतनी अच्छी नहीं हुई। आज की डेट में हमारे पास General AI नही है। Narrow AI आई जीसको हम industries में us करते है या बाकी जगह यूज करते है, तो इससे हमें ये सीखने को मिला की humans के पास computational power तो कम है।
AI क्या है :General AI ki development में अभी तक काफी challenges है, और अभी तक हमारे पास कोई fully functional General AI नहीं है. लेकिन, Narrow AI ke development में काफी प्रगति हुई है, और ये आज कल कई industries में काम कर रही है, jaise ki healthcare, finance, aur entertainment.
AI ki buniyadi idea hai ki computers को डेटा दिया जाए और उन्हें सिखाया जाए, जैसे कि हम बच्चों को सिखाते हैं।. AI के साथ एक बड़ा difference यह है कि AI ki capabilities में लगातार सुधार किया जा सकता है, जबकी traditional technologies जैसी Microsoft Word, unke capabilities ek baar fixed ho jaati hain उसके बाद कोई और upgrade नहीं होता।
कुल मिलाकर, AI एक ऐसा क्षेत्र है जो हमारे समझ और technology के विकास का नया मोड ला रहा है। इसका potential हमारे जीवन को सुविधाजनक और कुशल बनाना संभव है, लेकिन साथ ही इसके ethical और societal implications को भी समझना जरूरी है।
AI, or Artificial Intelligence, is a field that aims to develop computers capable of learning from data, similar to how we teach children. While a fully functional General AI is yet to be achieved due to significant challenges, Narrow AI has made considerable progress and is currently being utilized in various industries such as healthcare, finance, and entertainment. One key difference with AI is its ability to continuously improve its capabilities, unlike traditional technologies such as Microsoft Word which have fixed capabilities without further upgrades. Overall, AI represents a new frontier in our understanding and technological advancement, with the potential to enhance our lives, but it is important to also understand its ethical and societal implications.